जशपुर जिले के पत्थलगांव ब्लाक में वित्तीय मामले में करवाई के बाद गड़बड़ी का मामला उजागर

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

पत्थलगांव-

जशपुर जिले पत्थलगांव ब्लाक के ग्राम पंचायत लुड़ेग में वित्तीय गड़बड़ी के मामले में कार्यवाही का रास्ता साफ हो गया है। जांच में अनियमितता की पुष्टि होने के बाद जनपद पंचायत सीईओ टी एस मरकाम ने कार्यवाही के लिए कलेक्टर जशपुर को प्रतिवेदन भेज दिया है। इस मामले में पंचायत के सरपंच व सचिव पर कई शासकीय योजनाओं की राशि में बंदरबांट करने के आरोप लगे हैं। यह मामला जुलाई 2022 से कभी जांच तो कभी अन्य कारणों से लंबित पड़ा था। सीईओ ने मामले में दांडिक कार्यवाही के लिए एसडीएम को भी पत्र लिखने की बात कही है।ग्राम पंचायत लुड़ेग एक अर्से से वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सुर्खियों में रहा है। सरपंच अरविंद भगत एवं सचिव सुरेश यादव पर यहां संचालित शासकीय योजनाओं की राशि में कई बार गड़बड़ी करने के आरोप लगे है हैं। आलम यह है कि इसके विरोध में सरपंच सरपंच अरविंद भगत को अविश्वास प्रस्ताव का भी सामना करना पड़ चुका है। परंतु इसके बाद भी अब तक सरपंच एवं संचिव के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसे लेकर जहां स्थानीय लोगों में आक्रोश है वहीं पंचों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है। ग्रामीणों की मानें तो पंचायत में हुई गड़बड़ी के मामलों में कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है। परंतु मामले में जांच को लटकाकर रखा गया। थकहार कर ग्रामीणों की ओर से जनचैपाल में शिकायत की गई।परंतु जुलाई 2022 में हुई शिकायत में भी जांच लटकती रही। 5 महीनों के बाद जाकर जांच हुई और इसमें शिकायतों की पुष्टि भी हुई परंतु इसके बाद भी कार्यवाही का मामला अटका पड़ा था। अब इस संबंध में कलेक्टर को जनपद सीईओ द्वारा प्रतिवेदन भेजे जाने की बात सामने आई है। नवपदस्थ सीईओ टी एस मरकाम के द्वारा पदभार संभालने के बाद 2 जनवरी को जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को भेज दिया गया है। प्रतिवेदन की एक प्रति हमारे न्यूज चैनल के हाथ लगी है। इसमें सीईओ के द्वारा जांचदल के अभिमत से सहमत होने की बात कही गई है। कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजे जाने के बाद इसमें आगे कार्यवाही होने की उम्मीद जगी है। इसमें राशि की वसूली के साथ ही अनियमितता के दोषी सरपंच अरविंद भगत एवं सचिव सुरेश यादव के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही भी शामिल है।ग्राम पंचायत लुड़ेग के बहुचर्चित मामले में पंचायत के उप सरपंच एवं जनप्रतिनिधियों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिनमें 15वें वित्त मद में से बोर खनन की राशि 8 लाख 44 हजार रू सरपंच द्वारा अपने रिश्तेदार विनोद एक्का के खाते में डलवाने का आरोप शामिल है जबकि उसके द्वारा बोर खनन संबंधी कोई कार्य नहीं किया जाता है। जांच के दौरान इस आरोप की पुष्टि हुई है। वहीं खनन कराए गए 7 में से 6 बोर निजी जमीन पर पाए गए हैं। इसके साथ ही सरपंच एवं सचिव पर 15वें वित्त की राशि में सीसी रोड,सार्वजनिक तालाब और गौठान परिसर के लिए लाखों रू का आहरण कर लेने के बावजूद निर्माण कार्य पूरा नहीं करने और मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं करने के आरोप भी लगे हैं।शिकायत के मुताबिक सरपंच अरविंद भगत एवं सचिव सुरेश यादव द्वारा फर्जी मस्टर रोल तैयार कर मजदूरी की राशि सरपंच के रिश्तेदारों के खाते में डाले गए जबकि उनके द्वारा निर्माण में किसी भी प्रकार का कार्य नही ंकिया गया है। जांच दल ने अपने प्रतिवेदन में इस शिकायत के भी सही पाए जाने की पुष्टि की है। अमानत में भी खयानत शिकायत में पंचायत में निर्मित अटल व्यवसायिक परिसर की दुकानों की अमानत राशि का भी गबन करने के आरोप लगाए गए हैं। शिकायत के मुताबिक इस परिसर की 13 दुकानों के लिए 12 हजार रू प्रति दुकान की दर से अमानत राशि वसूलने के बाद भी इसे पंचायत के खाते में जमा नहीं कराया गया। जांच में परिसर की केवल दो दुकानों की अमानत राशि पंचायत के खाते में जमा होने की बात सामने आई जबकि शेष 11 दुकानों की अमानत राशि के बारे में कोई जानकारी पंचायत को नहीं दी गई है। जांच दल का कहना है कि सरपंच द्वारा यह राशि अन्य दुकानों की मरम्मत के कार्य में खर्च होने की बात कही जा रही है परंतु इस संबंध में सरपंच अथवा सचिव की ओर से कोई भी बिल वाउचर प्रस्तुत नहीं किया जा सका है। और तो और इस राशि का ग्राम पंचायत के किसी भी दस्तावेज में कोई उल्लेख तक नहीं पाया गया।यह भी मिला जांच मेंजांच दल के प्रतिवेदन के मुताबिक 6 अगस्त 2020 से 7 अप्रैल 2022 की अवधि में ग्राम पंचायत द्वारा कुल 204 नग वाउचर का भुगतान किया गया है जिसके एवज में ग्राम पंचायत के दस्तावेजों में मात्र 11 नग बिल ही पाए गए। वहीं उक्त 204 वाउचर के भुगतान से संबंधित कार्यों का मूल्यांकन एवं माप पुस्तिका का भी ग्राम पंचायत में संधारण होना नहीं पाया गया। इसके साथ ही जांच दल ने अपने प्रतिवेदन में सरपंच एवं सचिव द्वारा बिना कार्य एवं सामग्री आपूर्ति किए ही व्यक्ति के खाते में शासकीय राशि का हस्तांतरण करने,बिना बिल वाउचर के ही राशि का भुगतान करने, टेप नल का मात्र 30 प्रतिशत् कार्य कराने के बावजूद 100 प्रतिशत् राशि आहरण कर लेने की भी पुष्टि की है। स्थिति की गंभीरता का इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जांच दल ने अपने प्रतिवेदन में सरपंच एवं सचिव द्वारा उनके द्वारा कराए गए कार्यों का मूल्यांकन नहीं कराने एवं कार्यों से संबंधित बिल वाउचर तक जमा नहीं कराने के कारण उनके द्वारा किए गए राशि के दुरूपयोग के आंकलन तक में असमर्थता जाहिर की है।सीईओ टी एस मरकाम ने बताया कि उन्होंने दोनों ही प्रकार की कार्यवाही के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा अन्य संबंधित विभागों को पत्र लिखा है। जांच दल का प्रतिवेदन आगे की कार्यवाही के लिए कलेक्टर कार्यालय को भेज दिया गया है। इस प्रकार के मामलों में राशि की वसूली के साथ ही दांडिक कार्यवाही के भी प्रावधान हैं। इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के साथ ही अन्य संबंधित विभागों को भी पत्र लिखा जा रहा है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment