शासन प्रशासन द्वारा महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया जा रहा है लेकिन यहां इसके विपरित चल रहा है ऐसा क्यों..?
बरमकेला :- वर्तमान समय में लगभग सभी पंचायतों में विकास कार्य अनवरत जारी है परन्तु सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिला के विकासखण्ड बरमकेला के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गोबरसिंहा की बात ही निराली है क्योंकि इस ग्राम पंचायत में पंचायती राज होने के बावजूद भी आरक्षण के कारण सरपंच पिछड़ा वर्ग से सरपंच श्रीमती गीता रामगोपाल पटेल चुनी गई हैं लेकिन जब से सरपंच पद पर आसीन हुए हैं तबसे लेकर आज तक ग्रामीणों ने अपनी चुनी हुई सरपंच महोदया जी को नहीं देखी है और उनकी जगह उनके पति और पुत्र ही है जो सारे कार्य कर रहे हैं। सरपंच पति वर्तमान में कृषि उपज मंडी उपाध्यक्ष हैं :- प्रदेश सरकार द्वारा गठित कृषि उपज मंडियों के लिए इनके कार्यों को देखते हुए कृषि उपज मंडी बरमकेला के उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया है फिर भी सरपंच पति द्वारा सारे नियमों को दरकिनार कर अपनी राजनैतिक पहुंच के कारण खुद ही सभी सरकारी कार्यों को धड़ल्ले से करवा रहे हैं…?
सरपंच पुत्र बिलासपुर में अध्ययन कर रहे हैं और यहां उनके नाम पर हजारों रुपयों का आहरण :- पंचायती राज अधिनियम लागू होने के बावजूद भी इस मामले में एक अनोखा रिकॉर्ड कायम किया गया है और सरपंच पुत्र को किस आधार पर मनरेगा योजना में,14 वें वित्त,15 वें वित्त, मूलभूत की राशि को कैसे इनके नाम पर आहरण किया गया है…….?
जबसे सरपंच बनी हैं शासकीय भूमि को भी अवैध रूप कब्जा कर क्रय विक्रय का खेल जारी :-राजस्व रिकार्ड के आधार पर यदि नज़रे फिराई जाय तो एक अनोखा रिकॉर्ड सामने आ रही है कि इस ग्राम पंचायत में आज से लगभग 60- 65 वर्ष पहले तक लगभग 300 एकड़ भूमि से भी ज्यादा थी परन्तु आज की तारीख में बमुश्किल ही कुछ जमीन है।का आरोप है कि गांव के सभी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कार्य सरपंच के पति कर रहे हैं। सरकार महिला सशक्तिकरण कर रही है लेकिन गांव में सरपंच केवल स्टांप मुहर बन गई है। पूरा काम उनके पति द्वारा किया जा रहा है।