


सरपंच ग्राम पंचायत बरौद -रथमिला सनतकुमार राठिया का कहना हैं की सभी 17 सुत्रीय मांगे सविधानिक हैं और एस.ई.सी.एल. के अधिकार क्षेत्र के हैं तत्काल मांगे पुरी करें, मागें पुरी नहीं होने की स्थिति में ग्रामीण/ग्राम पंचायत सारी समस्याओं को लेकर उच्च न्यायालय बिलासपुर की शरण में जायेगा
भारत सरकार की उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड की प्रत्यक्ष अनुषंगी कम्पनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) द्वारा कोल बेंरिग एक्ट (औघोगिक क्षेत्र) हेतु ग्राम बरौद थाना तहसील घरघोड़ा जिला रायगढ़ (छ.ग.) को विस्थापन किया जा रहा हैं जिसमें ग्राम बरौद के विस्थापित परिवारों की कई सारें समस्या हैं उक्त समस्याओं का निराकारण हेतु 21.10.2021 को अनुविभागीय अधिकारी घरघोड़ा एवं तहसीलदार घरघोड़ा एवं एस.ई.सी.एल.प्रबंधन तथा पंचायत पदाधिकारी एवं सैकड़ों ग्रामीण आमजनता के साथ द्वितीय पक्ष वार्ता कर समस्या समाधान हेतु घरघोड़ा सभागार में उघोग प्रबधंन एवं ग्रामीणों के बीच 17 सुत्रीय मांगो को ले कर सहमति बनीं था लेकिन प्रबधंन द्वारा ग्रामीणों को भ्रमित लिखित जानकारी दे कर गुमराह किया जा रहा हैं जिसमें प्रबधंन द्वारा जवाब में यहा जानकारी दिया गया हैं की ग्रामीणों को वर्ष 2013 सें मुआवजा वितरण किया जा रहां हैं जो पूर्णत गलत हैं प्रबधंन द्वारा मुआवजा लिस्ट SECL RAIGARH AREA STATEMENT IA RAI WAST (BAROUD EXP PANSION) NOTIFIED UNDAR CBA ACT U/S 9(1) VIDE SO NO.3133 PUBlISHED ON 25.12 .2010 का अधिकारियों का सत्यपित दिनांक 21.09.2013 हैं तथा ग्रामीणों को मुआवजा की जानकारी समाचार पत्र के मध्यम इतिहर प्रकाशित कर दिया गया जिसका दिनांक 14 .02.2014 हैं और ग्रामीण द्वारा मुआवजा की शुरुआतवर्ष 2015में किया गया हैछत्तीसगढ़ शासन के आदर्श पुर्नवास निति 2012 एवं कोल इंडिया लिमिटेड पुर्नवास पुनस्थापना निति 2012 के तहत विस्थापित किया जा रहा हैं । जिसमें गांव का मकान, हाता कुआँ, बोर, पेड़ , अन्य निवास क्षेत्र का सर्वेक्षण प्राइवेट आदमी जिसका नाम रवि श्रीवास पिता नंदराम श्रीवास निवासी कुडूमकेला थाना तहसील घरघोड़ा जिला रायगढ़ नामक व्यक्ति द्वारा प्रबंधन सें (ठेका) में करवाया गया हैं प्राइवेट व्यक्ति द्वारा यहा बोलकर सर्वे किया गया की यहा ट्रायल सर्वे है तथा अन्य भ्रमित जानकारी दिया गया ना तो मकान दर की लम्बाई , चौडाई , पेड़ इत्यादि दर की किसीं प्रकार की जानकारी ग्रामीणों को दिया गया और धोखेबाजी कर ओरिजनल सर्वे में तब्दील कर दिया गया और फरवरी 2014 में मुआवजा प्रबधंन द्वारा ग्रामीणों को दिखाया गया उस समय भी विरोध किया गया की बहुत परिवार का सर्वे में मकान, हाता, कुआं, पेड , इत्यादि छुटा हुआ है तथा हमारे साथ गलत हुआ है लेकिन प्रबंधन द्वारा यहां बोलकर टाल दिया गया की सही सर्वे हुआ है कई परिवार द्वारा लिखित भी आवेदन किया गया था लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाही प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया । जिसमें ग्रामवासियों का बहुत नुकसान हुआ है उक्त प्राइवेट व्यक्ति के नाम संविधानिक धारा लगा कर कार्यवाही की मांग पुलिस अधीक्षक रायगढ़ तथा पुलिस महानिदेशक रायपुर तथा जिला कलेक्टर रायगढ़ को संज्ञान में लेने एवं कार्यवाही की मांग किया गया हैं। प्रबंधन के आला अधिकारियों द्वारा 17 बिन्दु समस्या को समाधान करने के बजाय प्रबधंन द्वारा गोलमोल घुमा कर जवाब दिया हैं तथा पत्र का जबाब में ग्रामीणों ने जिला पुर्नवास समिति अध्यक्ष कलेक्टर रायगढ़ को सहीं जानकारी को अवगत करा दी गई हैं अब देखना ये होगा की कब तक ग्रामीण की समस्या समाधान होता हैं ।
कोटवार शौकीलाल मंहत का भी भूमि मालिकाना हक का उच्च न्यायालय बिलासपुर आदेश के तहत् मुआवजा एवं अन्य लाभ देने की आवाज ग्रामीणों द्वारा उठाई जा रहीं है जो न्यायालय का आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया हैं की सेवा भूमि, हालांकि, बाद में, याचिकाकर्ता को भूमि पर भूमिस्वामी अधिकार प्रदान किया गया है, इसलिए, याचिकाकर्ता के अनुसार, वह मुआवजे का हकदार है जो एसईसीएल भुगतान नहीं कर रहा है।
