आखिर किस के शह पर हो रहा बेशकीमती शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा..?

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आपदा को अवसर में तब्दील कर गए भू-माफिया

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लॉकडाउन में प्रशासन की सुस्ती या फिर कुछ और….?


 इस भयंकर कोरोना काल में बहुतों को आपदा में अवसर तलाशते हुए देखा गया है। चाहे सरकारी हो या निजी क्षेत्र के लोग, जिन्होंने भी इस वक्त को ठीक से समझा उन्होंने खूब फायदा बनाया है। इस दौड़ में भू-माफिया भी कहां पीछे रहने वाले थे ?  इस डेढ़ माह के लॉकडाउन पीरियड में इन्होंने भी स्थानीय शासकीय महाविद्यालय की बेशकीमती सरकारी जमीन पर हाथ साफ कर दिया है। 


ज्ञातव्य है कि घरघोड़ा नगर के वार्ड नं-15 स्थित शासकीय कॉलेज की खाली पड़ी बेशकीमती जमीन पर स्थानीय भूमाफियाओं ने अवैध कब्जा कर लिया है। उन्होंने इस पूरे जमीन पर अवैध कब्जे के साथ इसके कुछ हिस्से पर पक्का निर्माण भी खड़ा कर दिया गया है। यही नहीं बकायदा इस अवैध कब्जे की प्लाटिंग कर, महज कब्जा देने के नाम पर अन्य लोगों से मोटी राशि वसूल कर बिक्री करने का खेल भी अंजाम दिया जा रहा है। 


कॉलेज से पहले स्कूल की जमीन पर भी हो चुका है अतिक्रमण :-


प्रदेश सरकार द्वारा जब से  अधिक्रमित भूमि पर 152 फीसदी राशि वसूल कर अतिक्रमणकर्ता को मालिकाना हक देने की नीति लागू की गई है, तब से प्रदेश के लगभग हर नगरीय क्षेत्र में खाली पड़ी सरकारी जमीनों में कब्जा होना आम बात जैसा हो गया है। लेकिन जो जमीन स्कूल, कॉलेज या अन्य सरकारी विभागों के नाम से आवंटित है, उन्हें भी कब्जा किया जाना समझ से परे लगता है। बता दें कि कुछ महीने पहले भी स्थानीय हायर सेकेंडरी स्कूल की भूमि पर वृक्षारोपण के नाम पर तार से घेराव कर अवैध कब्जा करने का प्रयास किया जा चुका है।


लॉकडाउन में प्रशासन सुस्त या फिर..?


बहरहाल कॉलेज की जमीन पर बेजाकब्जा का यह सिलसिला बेखौफ और बेरोकटोक जारी है। यह अवैध अतिक्रमण अपने आप में कई सवालों को जन्म देता है।  नगर के लोग इस मुद्दे पर तरह-तरह की बातें कहते हुए नजर आते हैं, लेकिन अंत में यह भी कह देते हैं कि नुकसान तो सरकार का हो रहा, हमें क्या..! चाहे जो भी हो, लेकिन इसे स्थानीय प्रशासन की सुस्ती कहें या कुछ और..? यह सवाल हम पाठकों पर छोड़ते हैं..!


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